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प्रेम के मायने (Valentine contest )

जो कहूँगा सच कहूँगा .
जो कहूँगा सच कहूँगा .
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प्रेम के रास्ते में सुख और दुःख दोनों का एहसास होता हैं.इसमे लाभ और हानि दोनों प्राप्त होता हैं या यु कहे की यह लाभ और हानि दोनों का सममिश्रण हैं . यह बात सत्य हैं की प्रेम मनुष्य को मनुष्य बनाता हैं .और प्रेम ही जीवन हैं . प्रेम के बिना जीवन असंभव हैं . लेकिन आख़िरकार प्रेम के मायने क्या हैं ?क्या दो दिलो का आपस में मिलना ही प्रेम के मायने हैं ?क्या दैहिक सुख प्रेम के मेमे हैं ?प्रेम के मायने प्रेम -विवाह हैं ?अगर हा तो क्या प्रेम विवाह सफल होते हैं.? क्या प्रेम -विवाह के बाद भी पति -पत्नी उसी तरह प्यार करते हैं जैसे वे शादी से पहले प्रेमी -प्रेमिका के रूप में करते थे? . प्रेम दो दिलो को मिलाता जरुर हैं मगर बहुत दिलो को तोड़कर .

प्रेम जोश हैं .यह तूफान हैं. यह आग का दरिया हैं . जो अच्छे बुरे का फर्क नहीं समझता हैं. यह सिर्फ दैहिक सुख का एहसास नहीं हैं अपितु यह दो आत्माओ का मिलन हैं . प्रेम के रास्ते में बहुत खतरे हैं . इस राह में बहुत धोखे हैं . इसके कारण बहुत से घर बर्बाद हुए हैं. यह कभी एकतरफा हैं तो कभी दोतरफा. लेकिन नुकसान दोनों में हैं. एकतरफा प्यार कभी सफल नहीं होता हैं. जबकि दोतरफा प्यार सफल होकर भी असफल हैं. एक तरफ़ा प्यार काफी खतरनाक होता हैं.इसमे प्रेमी -प्रेमिका दोनों में से किसी एक के जीवन पर संकट के बादल मंडराती रहती हैं. अक्सर सुनने में आता हैं की किसी प्रेमी ने किसी प्रेमिका पर तेजाब उड़ेल दिया या अन्य प्रकार से परेशान करता हैं. अभी कुछ दिन पहले पटना और उत्तर प्रदेश में एक प्रेमी (एकतरफा)ने एक प्रेमिका की गोली मारकर हत्या कर दी . लड़की का कसूर सिर्फ इतना था की उसने उस लड़के से प्यार करने से इंकार कर दिया था . पटना में घटित घटना में पीड़ित लड़की एक राज्य स्तरीय खिलाडी थी .एकतरफा प्रेम को सनकी प्रेम की संज्ञा दी गई हैं.

दोतरफा प्रेम सफल होकर भी असफल हैं क्यूँ की यह अपनी चरम सीमा को प्राप्त नहीं कर पाता हैं.यह बीच में ही दम तोड़ देता हैं. बहुत कम ही ऐसे उदहारण हैं जब प्रेम विवाह सफल हुए हो . इस प्रेम के फलस्वरूप होने वाले प्रेम विवाह कुछ समय पश्चात् तलाक में परिवर्तित हो जाते हैं. फिर भी प्यार तो बस प्यार होता हैं. किसी ने ठीक ही कहा हैं.

“प्यार भी कभी किसी का पूरा होता हैं
प्यार का तो पहला अक्षर ही अधुरा होता हैं.”

आज का प्रेम बाजारू प्रेम हो गया हैं. लोगो ने प्रेम के स्वरोप कप बदल दिया हैं. आज प्रेमी -प्रेमिका इन्टरनेट के माध्यम से प्रेम का इजहार करते हैं. आज का प्रेम फेसबुकिया प्रेम ,ऑरकुट प्रेम ,चैटिंग आदि रूपों में विभक्त हो गया हैं. आज प्रेम को विभिन्न नामो से पुकारा जाता हैं. प्रोमिस डे.हग डे ,VAILENTINE डे न जाने कौन -कौन से नाम हैं इस प्रेम के . चलिए अब मै फिर से प्रेम के मायने पर लौटता हूँ. प्रेम की कोई उम्र सीमा नहीं होती हैं और न ही इसका कोई धर्म होता हैं .यह तो धर्म निरपेक्ष होता हैं. प्रेम बड़े -बड़ो को भी होता हैं. प्रेम कभी न खत्म होने वाला भाव हैं.

अंत में सभी प्रेमी -प्रेमिकाओ को मेरी ओर से VAILENTINE DAY की हार्दिक शुभकामनाये.

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