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जनप्रतिनिधियो का अमर्यादित आचरण

जो कहूँगा सच कहूँगा .
जो कहूँगा सच कहूँगा .
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मैंने हमेशा वैसे मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की हैं जिसकी सम्बन्ध हमारे समाज .राष्ट्र से हो . वैसे मुद्दे जो हमारी समाज व राष्ट्र पर असर डालता हो .इसी तरह का एक और मुद्दा मै लेकर आया हूँ .हाल के वर्षो से लोक सभा विधानसभा में हमारे माननीय के द्वारा अमर्यादित आचरण किये जा रहा हैं. माननीय मतलब वह व्यक्ति जिसे लोग अपना प्रतिनिधि बनाकर अपने हितो की रक्षा करने के लिए लोकसभा या विधानसभा में भेजते हैं. उनके द्वारा इस तरह का व्यवहार किये जाता हैं की मानो वह अखारे में हो .उन्हें तनिक भी चिंता नहीं होती हैं की उन्हें लोग अमर्यादित आचरण करते हुए टेलीविजन पर लोग घर पर बैठ कर देख रहे हैं. वे जनता की गाढ़ी कमाई का दुरपयोग करते हैं .क्या जनता ने उन्हें लोकसभा या विधानसभा में सांसद या विधायक बनाकर भेजी हैं ताकि वे वहा पर अमर्यादित आचरण करे. इन्होने आज लोकसभा और विधानसभा को अखारे में तब्दील कर दिया हैं .

लोकसभा और विधानसभा में हमारे प्रतिनिधि मुक्केबाजी ,कुर्सीबजी,कागज फेका-फेकी गाली-गलौज करते हैं .जनता उन्हें वहा कानून बनने भेजती हैं और वे वहा खुद कानून तोड़ते हैं .आज इन्ही नेताओ के का कारण लोग राजनीति में नहीं आना चाहते हैं .लोगो की नजर में आज नेता मूल्यहीन हो गए हैं .एक विधानसभा में तो हिंदी भाषा में शपथ ग्रहण को लेकर विवाद छिड़ गया .एक पार्टी के विधायक साहब हिंदी में शपथ लेने पर अड़े रहे तो दुसरे पार्टी के नेता ने उन्हें मना किया हिंदी भाषी विधायक साहब नहीं माने तो उन्हें शपथ ग्रहण करते समय लप्पड़ -थप्पड़ खानी पड़ी. जिसे पूरी दुनिया ने टेलीविजन पर देखा. लोगो ने भी सोचा होगा की कैसे लोग हैं जो अपनी राष्ट्र भाषा का अपमान करने से भी चुकते .पिटाई करने वाले विधायक साहब को मामूली सजा हुई .अमर्यादित आचरण करने वाले सांसदों और विधायको की सदस्यता रद कर देनी चाहिए और उनके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाना चाहिए. सरकार को RIGHT TO CALL की व्यवस्था जल्द से जल्द लागू कर देनी चाहिये.

अंत में मै सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ की अमर्यादित आचरण करने वाले जनप्रतिनिधियो के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए .जितने दोषी अमर्यादित आचरण करने वाले नेता हैं उससे कही ज्यादी दोषी वे पार्टिया हैं जो ऐसे लोगो को टिकट देती हैंहमारे राजनितिक पार्टियो को भी इस ओर गंभीरता पूर्वक विचार करनी चाहिए ताकि लोकसभा और विधानसभा की गरिमा बनी रहे. .
यह लेख पढ़ने के बाद अपने शिकायतों और सुझाव से मुझे अवगत करावे.

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