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क्या हम कुवारे रह जायेंगे ?

जो कहूँगा सच कहूँगा .
जो कहूँगा सच कहूँगा .
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यह ब्लॉग सभी आयु के लोगो के लिए हैं. जो दूसरी शादी के बारे में सोच रहे होंगे की वे इसे जरुर से जरुर पढ़े. भारत में अब साल दर साल लड़कियों की संख्या कमती जा रही हैं.इसका कारण भ्रूण हत्या बताया जा रहा हैं. भ्रूण हत्या मतलब बच्चे के जन्म के पहले हत्या. वह भ्रूण जो अपनी माँ के गर्भ में पलकर नई दुनिया में आने का इंतज़ार कर रहा होता हैं. उसे हमारे यहाँ के अशिक्षित और अर्धशिक्षित लोग मार देते हैं. क्या हमारे यहाँ लड़की का जन्म लेना पाप हैं.? क्या जो काम लड़के किया करते हैं .उसे लड़की नहीं कर सकती हैं? आज लडकिया हर काम कर रही हैं. वह आज पुरषों को कड़ी टक्कर दे रही हैं. आज लडकिया हर क्षेत्र में टॉप कर रही हैं. आप बिहार बोर्ड , सी .बी .एस .ई. का रिजल्ट देख सकते हैं .उनमे लड़कियों ने लडको को पीछे छोड़ दिया हैं.
बाल विवाह भी हमारे समाज में अब भी एक कुरीति की तरह चल रहा हैं. ग्रामीण क्या शहरी क्षेत्रों में भी यह धड्ल्ल्ड़े से चल रहा हैं. सबसे गंभीर बात तो यह होती हैं की लडकियों की आयु बारह से सत्रह और लडको की आयु बीस से ऊपर होती हैं.इसके परिणामस्वरुप जनसँख्या वृद्धि दर , शिशु मृतु दर , मात्र्तव मृतु दर काफी बढ़ गई हैं. इससे भी लड़कियों की संख्या घटती जा रही हैं.
संयुक्त राष्ट्र की इकाई यूनिसेफ ने अपनी नई रिपोर्ट “प्रोग्रेस फॉर चिल्ड्रेन “में कहा की साक्षरता दर बढ़ने और कानूनी बंदिशों के बावजूद भारत में आज भी बाल विवाह बदस्तूर जारी हैं. रिपोर्ट के अनुसार सर्वाधिक बाल बधुए भारत में हैं मतलब की एक तिहाई बाल बधुए भारत में हैं. यूनिसेफ के पूर्व प्रमुख अन्ना वेनमन के अनुसार यदि किसी समाज के इतना छोटे -छोटे बच्चों का जबरन बाल विवाह ,सेक्स वर्कर के तौर पर शाशन किया जायेगा और उनके मूल अधिकार को वंचित किया जायगा तो वह समाज क्या तरक्की करेगा.
कुछ राज्यों में स्थिति बहुत गंभीर हो गई हैं .जैसे हरियाणा, पंजाब, असम , चंडीगढ़ (केंद्र शाशित ) ,आदि में तो स्थिति भयानक हो गई हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की हालत तो बहुत ख़राब हैं. लड़कियों के मामले में केरल काफी आगे हैं. वहा लड़कियों की संख्या लडको से अधिक हैं. क्यूँ की वह पूर्ण साक्षर राज्य हैं. वहा के लोग शिक्षित हैं
सरकार को इसके लिए शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए खासकर लडकियों की शिक्षा पर क्यूँ की एक लड़की के शिक्षित होने से पूरा समाज शिक्षित होता हैं. सरकार ने बाल विवाह को रोकने के लिए शारदा एक्ट और मीणा मंच नामक संस्था का गठन किया हैं. बाल विवाह को रोकने के लिए सरकार को कानून को सही धन से लगो करना चाहिए और इससे होने वाले खतरनाक परिणामो के बारे प्रचार- प्रसार करनी चाहिए ..

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